Monday 29 April 2019

जीवन यात्रा

आज जब मैं
सफर पे निकली
मैंने ध्यान से देखा
हर मुसाफिर के
सामान की गठरी को
जो अलग-अलग रंग
रूप और आकार की थी

मुझे तब महसूस हुआ
कि
इस सामान की
अलग-अलग
गठरियों जैसे ही है
सबके अपने-अपने सच
जिसके भार को इन्सान
कही ढोता और
कही बिसाता सा 
चला जाता है
जीवन की यात्रा में।

- शालिनी पाण्डेय

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