Monday 22 April 2019

तुम आओगे

तुम आओगे
किसी रोज
सच में
वैसे ही
जैसे ख्वाबों
में आते हो।

कुछ रोज
मैं सिर्फ
तुम्हारे साथ में
जीना चाहती हूं
और
बाँटना चाहती हूं
मेरे कुछ हिस्से को
तुम से उसी रोज

- शालिनी पाण्डेय

No comments:

Post a Comment

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...