Tuesday 16 April 2019

घिर आये मेघा

आज देखो
कई दिनों बाद
घिर आये है मेघा

घुमड़ रहे है
गरज रहे है
बरस रहे है मेघा

इन्हीं मेघों के जैसे
घुमड़ता है मेरा प्यार
तुम घर से निकलो
तो ये भी जरा बरस ले।

-शालिनी पाण्डेय

No comments:

Post a Comment

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...