Monday 22 April 2019

हवा का झोंका


हवा का एक झोंका
डाली से जो टकराया
तो जमीन पे गिरे
सूखे हुए पत्ते पेड़ से

ऐसे ही

यादों का झोंका
जब टकराता है मुझसे
तो गिरती है भारी हो चुकी
सांसें मेरे चित्त से।

-शालिनी पाण्डेय

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