Friday 24 April 2020

गुलमोहर

तुम्हें याद है
गुलमोहर का पौधा,
वर्षों पहले जिसको
लगाया था,
आंगन में ?

हवा के साथ
हर सवेरे 
उसकी पंखुड़ियां 
गुनगुनाती है,

कोई मौसम
अब चुरा ना सकेगा
तेरी खुशबू, 
यूं ही
हर रोज
तू महका करेगा
मेरे दामन में।

- शालिनी पाण्डेय 


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