Saturday 18 April 2020

माँ

ये सच है कि कई बार
अपनी दुनिया में उलझे हुए
मैं भूल जाती हूँ
तुम्हें फ़ोन करना,

मैं कई बार तुमसे ये भी
नही पूछती कि
"क्या तुमने खाना खाया?
तुम्हें कोई तकलीफ तो नहीं?"

कई बार फ़ोन रखने से पहले
मैं भूल जाती हूँ तुमसे कहना-
"अपना ध्यान रखना"

लेकिन माँ,
अपनी सारी उलझनों में भी
तुम ये सब 
कभी भी नहीं भूलती....

- शालिनी पाण्डेय 




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