देखो !!
समय की पटरी पर
जीवन भाग रहा है,
कुछ फिसल गया
कुछ निकल गया
कुछ निकला जा रहा है...
बीते दिनों की ग्लानि लिए
भविष्य की अनिश्चितता लिए,
देखो !!
समय की पटरी पर
जीवन भाग रहा है।
- शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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