Friday 10 May 2019

काश !

काश !!
मैं नदी होती
तो बहा देती
तुम्हारे सारे दुखों को
अपने वेग से
और
दे जाती तुम्हें
मीठा मधुर संगीत
जीने के लिए।

- शालिनी पाण्डेय

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