Saturday 18 May 2019

गहरी वेदना

तुम्हारी आंखें
रह रह कर
प्यार का
इज़हार करती है
सच कहूं तो
इन आँखों में
केवल प्यार नहीं है

प्यार मानो कुछ
देर तक चमकता है
तुम्हारी आँखों में
और फिर तुम
उसको लबों तक
लाये बिना ही
अपनी नजरें
नीची कर
आसूं के घूट जैसे
पी जाते हो।

उसके बाद फिर
तुम्हारी आँखों में
शेष रह जाती है
एक गहरी वेदना
जो मानो
कई वर्षों से
तुम्हारे भीतर
पल रही हो ।

- शालिनी पाण्डेय

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