कुछ यादें
कोयले जैसी होती हैं
जो वक़्त के दबाव को सहकर
हीरे में तब्दील हो जाती हैं।
- शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
No comments:
Post a Comment