Friday 3 May 2019

याद के बुलबुले

वीराने में
तेरी याद के बुलबुले
कुछ यूं उठते है ,
जैसे खिल रहे हो
नागफ़नी के फूल
रेगिस्तान के उजाड़ में।

- शालिनी पाण्डेय

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