लिखना एक प्रयास है
अंतर्मन की बेचैनियों को
शक़्ल देकर दूसरों से रूबरू
कराने का
लिखना एक लत है
सिगरेट जैसे
जिसके धुएं से तुम मदहोश हो
ना चाहते हुए भी
लिखना एक रिश्ता है
मोहब्बत की तरह
जो बनता चला जाता है
बिना किसी इजाज़त के
लिखना मानो एक घटना है
जिसमें बीत रहा होता है
लेख़क का वर्तमान
स्याही में डूबते-तैरते हुए।
- शालिनी पाण्डेय
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