Monday 27 May 2019

स्त्री और पुरुष

मानो एक ही रेखा के
दो छोर से है
स्त्री और पुरुष

जो कि
अपने अड़ियल पन में
विपरीत दिशाएँ अपनाकर  
फासले की खाईयों को जन्म देते है

और
अपने लचीले स्वभाव में
अनुकूल दिशाएँ अपनाकर
एक दूसरे को सम्पूर्ण करते है।

- शालिनी पाण्डेय

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