Saturday 25 May 2019

नारी

हर वाक़ये पर
कैसे तुम मुझे
अलग अलग
तराजुओं में
तोल देते हो

आज मैं तुमसे
विनती करती हूं
बाहर की सूचनाओं
को आधार बना
मुझे तोलना बंद करो

जब तुमने कभी मेरे
भीतर की चेतना की ओर
झांका ही नहीं और
सृजन के कारक को
पहचाना ही नहीं

तो तुम कैसे मेरी
तुलना कर सकते हो?

-- शालिनी पाण्डेय

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