तुम्हारी याद में
खोए-खोए
मैं रच देती हूं
एक नया संसार ।
इस संसार में
पहाड़ की तलहटी पर
नदी किनारे बैठ कर
हम देखते है
सूरज के रंगों को
पानी में घुलते हुए
और बनाते है
ढेर सारी तस्वीरें
इन्हीं रंगों से ।
क्या तुम्हें याद है,
गर्मी की वो शाम
जब हमने बनाई
सबसे खूबसूरत तस्वीर ?
वहीं तस्वीर
जिसमें
यथार्थ की धूप के साथ
कल्पना की बूंदें
बारिश जैसे
बरस रही थी ।
- शालिनी पाण्डेय
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