Sunday 26 May 2019

आंखें ख़्वाब पालती है

पलकों से खुद को
ढक कर, आंखें
ख़्वाब पालती हैं,
पलकें उठाकर,
आंखें, यादों के
धागे बुनती हैं...
और
बीते लम्हों के
टुकडें लिए,यादें 
जीवन भर
साथ चलती हैं।।

- शालिनी पाण्डेय

No comments:

Post a Comment

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...