प्यार जब छू लेगा तुम्हारे अन्तर्मन को
तो वो पवित्र कर देगा हर एक कोने को
तब मन ही बन जायेगा मंदिर
फिर ना गंगाजल लाने हरिद्वार जाना होगा
ना ही ईश्वर दर्शन को देवालय में ।
~ शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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