Saturday 15 June 2019

जोड़ते हुए

कभी मकान जोड़ते
कभी दुकान जोड़ते
कभी दहेज जोड़ते हुए,

अनेक पिताओं की
उम्र यूँ ही बीत जाती है
मेहनत में शरीर तोड़ते हुए।

~ शालिनी पाण्डेय

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