देखो आज सारा दिन
टप-टप करती
संगीत बजाती हुई
बारिश गिरती रही
और साथ में
तुम्हारी यादों को
घोल - घोल
मेरे आँगन में
जमा करती रही ।
~ शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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