Friday 21 June 2019

तेरे होने ने

जब तू नहीं था
तो जीवन रूखा था
ना कविताएँ थी
ना गीत थे
ना सावन था
ना रंग थे

तेरे होने ने मुझे
रूखे जीवन की छाती में
बीज उगाने का हौसला दिया

तेरे होने ने मुझे
कविताओं के अर्थ दिये
गीतों को भाव दिए

तेरे होने ने मुझे
जिस्म के भीतर की
रूह से मिलवाया

तेरे होने ने मुझे
प्यार का अहसास दिया
जीवन की प्रेरणा दी

तेरे होने ने मुझे
सतही परतों को उखाड़ कर
गहराई में उतरने दिया

तेरे होने ने मुझे
अहसास दिया मेरे होने का
मुझमें ही खुदा के होने का ।

~ शालिनी पाण्डेय

No comments:

Post a Comment

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...