जब तू नहीं था
तो जीवन रूखा था
ना कविताएँ थी
ना गीत थे
ना सावन था
ना रंग थे
तेरे होने ने मुझे
रूखे जीवन की छाती में
बीज उगाने का हौसला दिया
तेरे होने ने मुझे
कविताओं के अर्थ दिये
गीतों को भाव दिए
तेरे होने ने मुझे
जिस्म के भीतर की
रूह से मिलवाया
तेरे होने ने मुझे
प्यार का अहसास दिया
जीवन की प्रेरणा दी
तेरे होने ने मुझे
सतही परतों को उखाड़ कर
गहराई में उतरने दिया
तेरे होने ने मुझे
अहसास दिया मेरे होने का
मुझमें ही खुदा के होने का ।
~ शालिनी पाण्डेय
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