Sunday 16 June 2019

दूरियां

जब अंदाज़ा ना था
करीबियों का
तो ये दूरियां भी
खलती ना थी

लेकिन उस रोज से
जब तू गले लगाकर
बोसा देकर चला गया
तो ये दूरियां खलने लगी।

~ शालिनी पाण्डेय

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