जिसे तुम कहते हो नया साल मुझे तो उसमें कुछ ऐसा नहीं दिखता जिसके लिए मैं जश्न मनाऊँ ये सुबह भी बीती सुबहों जैसी अकेली ही थी चाय की चुस्कियां लेते वक़्त आज भी सिर्फ यादें ही सा...
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में